साँसों की सरगम
खनकती चूड़ियों की खन खन
जैसे तेरी साँसों की सरगम
मतवाला हो गया मेरा मन
सुनकर इनकी खन खन
छनकती पायलो की छन छन
जैसे झूमे नाचे धरती गगन
जिया मेरा भी हो गया मगन
सुनकर इनकी सुरीली छन छन
मनमोहक हैं तुम्हारे नयन
देख इनको जीना गये भूल
ये दिखाते हैं जीवन दर्पण
इन्ही से रोशन मेरा जीवन
जादुई हैं तुम्हारे कर-कमल
इनका स्पर्श हैं अमृत समान
स्पंदित करते सदा मुझमे प्राण
मुझको हैं इनपर अभिमान
करो तुम प्यार से मेरा आलिंगन
तुम्हारी दुरी अब नहीं होती सहन
निष्प्राण ना हो जाए मेरा जीवन
तुम बन जाओ "नील" की धड़कन
"नील"
2 comments:
WAH BAHUT SUNDAR :)
shukriyan sunita
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